रविवार व्रत म...
मंगलवार व्रत का महात्म्य,व्रत विधान, कथा, उद्यापन और आवश्यक निर्देश।
सभी मानव जाति, प्रकृति, यह तक कि खगोलीय क्रिया कलाप सभी कुछ ग्रहों के आधीन है और हम सभी इसके उपभोक्ता है ,तो हम सब को अपने अपने ग्रहों और उसके परिणाम के बारे में अवश्य जानना चाहिए । हम कैसे अपने ग्रहों को अनुकूल कर लाभन्वित हो सकते है। कहते है ना कि जहां मंगल है वहां मंगल ही मंगल है। परंतु कई बार मंगल हमे प्रतिकूल फल भी देता है और हमे कारण का पता भी नहीं चलता। ऐसे में हम कैसे इन्हे अनुकूल करे। कोई ग्रह रत्न धारण करते है, कोई ग्रह शांति करते है।परंतु ये सब अल्प काल के उपाय है। व्रत पूरी जिंदगी का उपाय है, यहां तक कि अगला जन्म भी सुधर जाय। व्रत से हमारा आचरण शुद्ध और पवित्र हो जाता है और ईश्वरीय कृपा, उस ग्रह की कृपा हम पर सदैव बरसती रहती है। हमारे इस मंगल ग्रह के अधिष्ठाता देवता मंगलमूर्ति हनुमान जी है अर्थात हनुमान जी की आराधना और मंगलवार का व्रत करने से मंगल और शनि दोनों ही गृह अनुकूल हो जाते है | साथ ही जिन जातकों को संतान प्राप्ति, नौकरी, कर्ज, मुक़दमे एवं शत्रु से मुक्ति हेतु, गृह निर्माण हेतु , शनि ग्रह की शांति हेतु भी यह व्रत अति फलदायी मना गया है |
व्रत विधि - सूर्योदय से पूर्व उठ कर ,स्नान ध्यान से निवृत हो कर , सूर्य अर्ध्य दे । लाल वस्त्र धारण कर के ,तांबे के लोटे में लाल पुष्प, लाल चंदन, लाल किशमिश डाल कर थोड़ा गंगाजल मिला कर सूर्य भगवान को अर्द्ध दे।
मंत्र : सूर्य अर्घ्य मंत्र से ॐ सूर्य देव सहस्त्रांशो तेजोराशे जगतपत्यै, अनुकंप्य माम भक्त्या, गृहणार्ध्यम दिवाकरः। ॐ सूर्याये नमः, आदित्याय नमः दिवाकराय नमः।
अपने स्थान पर ही दाएं से बाएं ओर 3 बार घूमकर परिक्रमा करें।
मंत्र : यानी कानी च पापानी, ज्ञाता ज्ञात कृतानि च तानी सर्वानी नश्यन्तु प्रदक्षिणा पदे पदे।
अब घर के पूजा स्थल पर चौकी पर लाल वस्त्र बिछा कर राम परिवार एवं हनुमान जी की तस्वीर रखें | अब हाथ में अक्षत ले कर चारों दिशा में बारी बारी से फेंके , ॐ पूर्वये नमः ॐ उत्तराए नमः, ॐ पश्चिमाए नमः ॐ उत्तराये नमः फिर सिर के ऊपर फेके, बोले ॐ उर्धवये नमः,अब बचा हुआ अक्षत धरती पर छींटे और धरती को नमन करें। व्रत निर्विघ्न होने की प्रार्थना करें।
श्री राम परिवार की तस्वीर पर फूल अर्पित कर आशीर्वाद ले और श्री राम जय राम जय जय राम का थोड़ा जप या कितन कर ले, महावीर जी वहां जल्द आ जाते है। अब महावीर जी की तस्वीर पर गंगाजल के छीटें दे और अर्ध, पाध्य ,और स्नान की भावना करें। लाल फूल का आसन अर्पित करें। लाल जनेऊ चढ़ाएं । चमेली के तेल में पीला सिंदूर घोल कर तस्वीर कर फूल से छीटें दे। फिर चमेली तेल का मिट्टी की दिया में कच्चा लाल सूत्र का बाती बना कर दीप प्रज्वलित करें । दीप को लाल अक्षत पर स्थित करें।
अब महावीर जी को लाल फूलों का हार या लाल फूल अर्पित करें। फिर भोग लगाए । भोग में केला, भींगा लाल चना, लाल गुड़ का भोग लगाए। भोग पर तुलसी पत्र जरूर रखें। बिना तुलसी महावीर जी भोग स्वीकार नहीं करते। उन्हें भोग स्वीकारने की प्रार्थना करें। फिर 3 बार जल से आचमन कराए । इसके बाद आप अपनी सुविधानुसार 11 बार हनुमान चालीसा अपनी मनोकामना की पूर्ति की प्रार्थना करके पढ़ें या सुंदर काण्ड का पाठ करें, मंगलवार व्रत कथा पढ़े अपनी कामना पूर्ति की प्रार्थना के साथ। उसके बाद हनुमान जी की आरती करें । अब अज्ञानतावश हुए कोई जाने अंजाने त्रुटि के लिए क्षमा प्रार्थना करें।
व्रत के नियम
1.मंगलवार के व्रत का संकल्प लेना आवश्यक है ।इनकी संख्या 21 मंगलवार और उद्यापन 22 वे मंगलवार को करना चाहिये या 45 मंगलवार व्रत का संकल्प है तो उद्यापन 46 वे मंगलवार को करना चाहिए।
2. महिलाएं उद्यापन के दिन महावीर जी को लाल चोला की जगह जनेऊ अर्पित करें
3. महिलाएं वर्जित दिनों में उपवास करें परंतु पूजा अर्चना ना करे । इन दिनों की उपवास की गिनती संकल्पित संख्या में न करे।
4. व्रत के समय शाम से पहले एक बार ही गेहूं के आटे का पराठा, या रोटी आटे के हलवा आदि खा सकते है।
दिन में फलाहार भी कर सकते है लेकिन श्वेत वस्तु ना खाएं । जैसे पनीर, दूध ,पेड़ा इत्यादि।
5. पुरुष वर्ग उद्यापन में महावीर जी को चोला अवश्य चढ़ाए।
6. मंगल व्रत में दिन भर राम नाम का मन ही मन जप करें।
7.शाम को अन्न ग्रहण के पहले आरती करे कपूर,
घी , लौंग डाल कर।
उद्यापन विधि - जिस मंगलवार को उद्यापन करना है इस दिन विशेष भोग बनाए
1. चना गुड़, केला के अलावे, चूरमा लड्डू (रोट का लड्डू), गेहूं के आटे में घी गुडमिला कर मोटा रोटी बना कर, उसका चूर्ण बना कर लड्डू बनाए |
2. ब्राह्मण को को भोजन कराएं, लाल वस्त्र दे। संभव हो तो गरीबों को भी को भोजन कराएं, दान करें।
3. जितना संभव हो चमेली तेल का दीप दान करे 5,11,21,51 108।
4. इस दिन घर में नित्य की तरह पूजा के बाद मंदिर जाय।
मंदिर में विधिवत् पूजन के बाद ,आरती, लाल वस्तु जैसे तांबा, लाल कपड़ा, गेहूं इत्यादि का दान करें।
मंगल व्रत में उद्यापन के दिन किए जाने वाले अनुभूत टोटके -
ईच्छा पूर्ति एवं डिप्रेशन के लिए
1. मंदिर में महावीर जी को 108 गुलाब का हार पहनाए। चमेली तेल का दीया लाल सूत्र का जलाएं। 3 परिक्रमा करें और अपनी प्रार्थना निवेदित करें।
2. मंदिर में चमेली तेल में पीला सिंदूर घोल कर महावीर जी की मूर्ति को लेपन करें और एक बरगद के पत्ते को गंगाजल से धो कर अपनी ईच्छा लाल चंदन या लाल कलम से लिख कर महावीर जी के चरणों में रख दे। ये कार्य आप घर के मंदिर में महावीर जी के तस्वीर पर कर सकते है।
3. एक मिट्टी के बर्तन में गेहूं भर ले उसपर पांच लाल फूल रख दे । अब इसे अपने घर के छत पर या घर के पूर्वी कोने में मंगलवार को रख दे। अगले मंगलवार को गेहूं को छत पर छीट दे । फूल पूजा पर रख दे। हर मंगलवार करे, तबियत ठीक रहेगी, घर में भी मंगल होगा।
मंगलवार को वर्जित कार्य
1. मंगमवार को हवन वर्जित।
2. श्रृंगार की वस्तु खरीदना वर्जित, नहीं तो पति से विरोध।
3. दूध की बनी चीजे न खरीदे ना भोग लगाए। चंद्र कमजोर हो।
3. मदिरा मांस वर्जित वरना क्रोध क्लेश की बढ़ोत्तरी।
4. काला कपड़ा, लोहा, काला वस्तु खरीदना, पहनना वर्जित। वाहन खरीदना वर्जित । क्लेश बढ़े।
ईशान कोण में लोहा रखना वर्जित।
5. इस दिन भूमि खोदना भी वर्जित बताया गया है
ये मंगल को अनुकूल करने के उपाय है।
अनुकरण करे खुश रहें। जय बजरंग बली🙏