• Talk to Astrologer
  • Sign In / Sign Up

Shanivaar vrat vidhi


शनि व्रत महातम, व्रत के नियम, पूजा एवं उद्यापन विधि (सम्पूर्ण जानकारी)

महत्व और व्रत विधान -
 शनि ग्रह प्रत्येक जातक की कुंडली को सबसे अधिक प्रभावित करने वाले ग्रह माने जाते हैं। शनि ग्रह कर्म फल दाता हैं, क्योंकि यह ग्रह देव व्यक्ति को अर्श से फर्श और फर्श से अर्श तक पहुंचाने का कार्य करते हैं, अपने कर्मों के अनुसार। यह न्याय के देवता के रूप में जज समान कार्य करते हैं। हमारे पूर्व जन्मों के पाप पुण्य के आधार पर ये अढ़ैया और साढ़े साती के रूप में हमे दंड देते है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने कुंडली के अनुसार शनि व्रत विधि पूर्वक करना चाहिए। जिससे  तकलीफ बहुत हद तक कम हो और शनिदेव की सजा कृपा में बदल जाती है।

व्रत विधान- 
शनिवार का व्रत किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के प्रथम शनिवार से व्रत प्रारंभ कर सकते हैं, परंतु श्रावण मास का प्रथम शनिवार उत्तम माना गया है। व्रत वाले दिन नित्य कर्मों से निवृत्त हो कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर किसी पास के शनि मंदिर में जा कर सात शनिवार व्रत का संकल्प लें, शनिदेव की मूर्ति के समक्ष दाएं हाथ में गंगाजल अक्षत पुष्प लेकर सात शनिवार व्रत करने का संकल्प ले और अपने कष्टों के निवारण करने की शनिदेव से प्रार्थना भी करें। अब पूज्य पीपल के वृक्ष का स्थान हो तो वहां पूजन सामग्री सजाएं। पूजन सामग्री में नीला रंग का फूल, फल, गुड एवं तिल के लड्डू या तिल सरसों तेल का दीपक काला कपड़ा रोली धूप गूगल और संभव हो तो शनि यंत्र या मूर्ति तस्वीर ले कर पूजित पीपल के वृक्ष के पास जाएं। सूर्योदय के साथ ही पूजा प्रारंभ करें। पीपल वृक्ष को नमन कर जलार्पण करे । जलमें तिल गुड़ रोरी गंगाजल डाल कर निम्न मंत्र बोलते हुए जल डाले।

  मंत्र - मूले ब्रह्मा तने विष्णु शंकर शिखा नेव च पत्ते पत्ते देवा नाम तस्मै श्री वासुदेवाय नमो नमः।

       अब रोरी अक्षत से अष्ट दल कमल बनाए जिस पर गंगाजल से धो कर शनि यंत्र या शनि मूर्ति स्थापित करें फिर पंचामृत स्नान कराएं।शनि देव की विधिवत पूजन करें। ॐ शनि देवाय नमः या ॐ शनि देवाय समर्पयामी कहते हुए पूजन सामग्री अर्पित करे जैसे काला वस्त्र, फूल, रोरी  धूप दीप फिर नैवेद्य चढ़ाए। काले उड़द की खिचड़ी भी चढ़ा सकते है। फिर ॐ अचमनियम समर्पयामि बोलते हुए जल अर्पित करे । राहु और केतु की भी साथ में पूजा करें। अब शनिदेव के दस नमो का जप करें 
ॐ कोणस्थ नमः
ॐ कृष्णाय नमः 
ॐ पीपला नमः 
ॐ सौरी नमः 
ॐ यम नमः 
ॐ पिंगलो नमः 
ॐरोद्रोतको नमः 
ॐ बभ्र नमः
ॐ मंद नमः 
ॐ शनिश्चराय नमः

जप के बाद प्रार्थना करे- शनेश्वर नमस्तुभ्यं नमस्ते त्वथ राहवे केतवे च अथ नमस्तुभ्यम सर्व शक्ति प्रदो भव। अब शनि व्रत कथा पढ़े और शनि स्तोत्र का पाठ करें। पीपल वृक्ष की 7 बार परिक्रमा करें काला धागा लपेट ते हुए। फिर आरती करें और शनि देव से क्षमा प्रार्थना करें। 

शनि व्रत का आहार - 
इस व्रत में सूर्योदय के समय ही पूजन का विशेष महत्व है इसी शुभ मुहूर्त में पूजन करने के बाद जो प्रसाद शनिदेव को चढ़ाते हैं उसमें मुख्य जामुन, गुलाब जामुन, उड़द की दाल का खिचड़ी, काले तिल के लड्डू,
गुड़ है। दिन में फलाहार करें और दोपहर के बाद उड़द दाल की खिचड़ी, प्रसाद का तिल लड्डू, गुलाब जामुन खा सकते हैं। एक समय ही भोजन करें तो उत्तम ।इस दिन नमक ना खरीदे न खुद खाए। ना सरसों तेल खरीदे न खाए। नमक की जगह सेंधा नमक ही खाए।

उद्यापन विधि -
सातवें शनिवार व्रत वाले दिन व्रत का उद्यापन करें। अंतिम शनिवार को पूजन और हवन करें फिर आरती कर के प्रसाद वितरण करे ब्राह्मण को दक्षिणा दें, भोजन कराए और आशीर्वाद ले, कला तिल, छाता, जूता आदि का दान करें , शनिदेव आप की कामनाएं अवश्य पूर्ण करें।

April Rashifal 2024: अप्रैल 2024 मासिक राशिफल

  Mesh Monthly Rashifal / Aries Monthly Prediction Auspicious: You will be very active this month. The newly...

Monthly Prediction January 2024: Astrological Prediction for January 2024

Aries- This month you may have comfort at home, blessings of mother. Benefits of land, property, rental income. Vehicle can be purchased. You will als...

Shardita Navratri 2023: शारदीय नवरात्रि कब से शुरू, क

  Shardiya Navratri 2023: शारदीय नवरात्रि 2023 में 15 अक्टूबर, रविवार ...

Raksha Bandhan 2023: रक्षा बंधन कब है, तिथि एवं भद्

  Raksha Bandhan 2023: राखी का त्यौहार प्रत्येक वर्ष सावन माह के श?...

Hartalika Teej Vrat 2023: हरतालिका तीज कब है, शुभ मुहू

  Hartalika Teej 2023: भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि क...

Kamika Ekadashi 2023: कामिका एकादशी व्रत कब है ? तिथ

(Kaminka Ekadashi 2023)  हिन्दू पंचांग के अनुसार, चातु?...

Guru Purnima 2023: गुरु पूर्णिमा कब है, तिथि, शुभ म

  Guru Purnima 2023: गुरु पूर्णिमा का पर्व हिन्दू पंचांग क?...

Weekly Rashifal 18th February to 24th February 2024: Weekly Prediction

  Mesh Weekly Rashifal / Aries Weekly Prediction Auspicious: The beginning of the week is going to be very g...